मोहम्मद अली जिन्ना का नाम याद आते ही विभाजन स्मरण हो आता है
आजादी के बाद भारत का दो टुकड़ा होना यह उनकी ही देन है
हिंदुस्तान को यह दंश सहना पडा
अंग्रेज अपनी नीति मे कामयाब हुए
हिन्दू -मुस्लिम दंगे शुरू हुए
पाकिस्तान के निर्माता जिन्ना ने जो यह बीज बोया था
उसकी कसक अभी खतम नहीं हुई है
वह कटूता दिन पर दिन बढ रही है
भाई -भाई मे अलगाव कराया
आज एक , दूसरे के सबसे बडे दुश्मन हैं
उनके नाम पर फिर विवाद
इसकी जरूरत क्या है
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