धरने से शुरू हुआ सफर
राजनीति मे बाजी जीत ली
जो बडे बडे नेता नहीं कर पाए
वह आपने कर दिखाया
महज दो साल मे दिल्ली का बादशाह बन बैठे
जहाँ पहुंचने मे बरसों लग जाते हैं
वहाँ आप थरने के माध्यम से पहुंचे
यह याद रखिएगा
अब आप आम आदमी नहीं है
दिल्ली आपके पास है
उसकी जिम्मेदारी आपकी बनती है
आप सब छोड़ राज्यपाल के घर
धरना दे रहे अपने मंत्रियों के साथ
दिल्ली को तो अनाथ जैसा बना दिया
समस्या का हल धरना ही है क्या??
अपनी जिम्मेदारियों को समझिए
नहीं तो जिस धरना ने आपको गद्दी दिलाई
वही छिन भी लेगा
धरना आपको नहीं करना है
वह तो विपक्ष का काम होता है
सडक पर लेटे
राज्यपाल के घर लेटे
अब तो बाज आइए इन सबसे
कुछ करना है धरना नहीं देना है
दिल्ली को राहत दिलाना है
आम जनता का भरोसा कायम रखिये
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