Sunday, 22 July 2018

हिंदू धर्म और संख्याओं का महत्व

पूरा जरूर पड़े अतिमहत्वपूर्ण जानकारी
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हिन्दू धर्म में कुछ संख्याओं का विशेष महत्व है -
1👉 एक ओम्कार् (ॐ)

2👉  दो लिंग👉  नर और नारी ।

दो पक्ष👉  शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष।

दो पूजा👉 वैदिकी और तांत्रिकी।

दो अयन👉 उत्तरायन और दक्षिणायन।

3👉  तीन देव👉 ब्रह्मा, विष्णु, शंकर।

तीन देवियाँ👉  सरस्वती, लक्ष्मी, पार्वती।

तीन लोक👉  पृथ्वी, आकाश, पाताल।

तीन गुण👉  सत्वगुण, रजोगुण, तमोगुण।

तीन स्थिति👉  ठोस, द्रव, गैस।

तीन स्तर👉  प्रारंभ, मध्य, अंत।

तीन पड़ाव👉  बचपन, जवानी, बुढ़ापा।

तीन रचनाएँ👉  देव, दानव, मानव।

तीन अवस्था👉 जागृत, मृत, बेहोशी।

तीन काल👉 भूत, भविष्य, वर्तमान।

तीन नाड़ी👉  इडा, पिंगला, सुषुम्ना।

तीन संध्या👉  प्रात:, मध्याह्न, सायं।

तीन शक्ति👉  इच्छाशक्ति, ज्ञानशक्ति, क्रियाशक्ति।

4👉 चार धाम👉  बद्रीनाथ, जगन्नाथ पुरी, रामेश्वरम्, द्वारका।

चार मुनि👉 सनत, सनातन, सनंद, सनत कुमार।

चार वर्ण👉  ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र।

चार निति👉  साम, दाम, दंड, भेद।

चार वेद👉  सामवेद, ॠग्वेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद।

चार स्त्री👉  माता, पत्नी, बहन, पुत्री।

चार युग👉 सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर युग, कलयुग।

चार समय👉 सुबह, शाम, दिन, रात।

चार अप्सरा👉  उर्वशी, रंभा, मेनका, तिलोत्तमा।

चार गुरु👉 माता, पिता, शिक्षक, आध्यात्मिक गुरु।

चार प्राणी👉  जलचर, थलचर, नभचर, उभयचर।

चार जीव👉 अण्डज, पिंडज, स्वेदज, उद्भिज।

चार वाणी👉  ओम्कार्, अकार्, उकार, मकार्।

चार आश्रम👉 ब्रह्मचर्य, ग्राहस्थ, वानप्रस्थ, सन्यास।

चार भोज्य प्रकार👉  खाद्य, पेय, लेह्य, चोष्य।

चार पुरुषार्थ👉  धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष।

चार वाद्य👉  तत्, सुषिर, अवनद्व, घन।

5👉 पाँच तत्व👉  पृथ्वी, आकाश, अग्नि, जल, वायु।

पाँच देवता👉  गणेश, दुर्गा, विष्णु, शंकर, सुर्य।

पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ👉 आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा।

पाँच कर्म👉 रस, रुप, गंध, स्पर्श, ध्वनि।

पाँच - उंगलियां👉  अँगूठा, तर्जनी, मध्यमा, अनामिका, कनिष्ठा।

पाँच पूजा उपचार👉 गंध, पुष्प, धुप, दीप, नैवेद्य।

पाँच अमृत👉  दूध, दही, घी, शहद, शक्कर।

पाँच प्रेत👉  भूत, पिशाच, वैताल, कुष्मांड, ब्रह्मराक्षस।

पाँच स्वाद👉  मीठा, चर्खा, खट्टा, खारा, कड़वा।

पाँच वायु👉  प्राण, अपान, व्यान, उदान, समान।

पाँच इन्द्रियाँ👉  आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा, मन।

पाँच वटवृक्ष👉  सिद्धवट (उज्जैन), अक्षयवट (इलाहाबाद), बोधिवट (बोधगया), वंशीवट (वृंदावन), साक्षीवट (गया)।

पाँच पत्ते👉  आम, पीपल, बरगद, गुलर, अशोक।

पाँच कन्या👉  अहिल्या, तारा, मंदोदरी, कुंती, द्रौपदी।

6👉  छ: ॠतु👉  शीत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, बसंत, शिशिर।

छ: ज्ञान के अंग👉  शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छन्द, ज्योतिष।

छ: कर्म👉  देवपूजा, गुरु उपासना, स्वाध्याय, संयम, तप, दान।

छ: दोष👉  काम, क्रोध, मद (घमंड), लोभ (लालच),  मोह, आलस्य।

7👉  सात छंद👉  गायत्री, उष्णिक, अनुष्टुप, वृहती, पंक्ति, त्रिष्टुप, जगती।

सात स्वर👉  सा, रे, ग, म, प, ध, नि।

सात सुर👉  षडज्, ॠषभ्, गांधार, मध्यम, पंचम, धैवत, निषाद।

सात चक्र👉 सहस्त्रार, आज्ञा, विशुद्ध, अनाहत, मणिपुर, स्वाधिष्ठान, मुलाधार।

सात वार👉 रवि, सोम, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि।

सात मिट्टी👉 गौशाला, घुड़साल, हाथीसाल, राजद्वार, बाम्बी की मिट्टी, नदी संगम, तालाब।

सात महाद्वीप👉  जम्बुद्वीप (एशिया), प्लक्षद्वीप, शाल्मलीद्वीप, कुशद्वीप, क्रौंचद्वीप, शाकद्वीप, पुष्करद्वीप।

सात ॠषि👉 वशिष्ठ, विश्वामित्र, कण्व, भारद्वाज, अत्रि, वामदेव, शौनक।

सात ॠषि 2👉  वशिष्ठ, कश्यप, अत्रि, जमदग्नि, गौतम, विश्वामित्र, भारद्वाज।

सात धातु (शारीरिक)👉  रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा, वीर्य।

सात रंग👉  बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी, लाल।

सात पाताल👉  अतल, वितल, सुतल, तलातल, महातल, रसातल, पाताल।

सात पुरी👉 मथुरा, हरिद्वार, काशी, अयोध्या, उज्जैन, द्वारका, काञ्ची।

सात धान्य👉  उड़द, गेहूँ, चना, चांवल, जौ, मूँग, बाजरा।

8👉 आठ मातृका👉 ब्राह्मी, वैष्णवी, माहेश्वरी, कौमारी, ऐन्द्री, वाराही, नारसिंही, चामुंडा।
आठ लक्ष्मी👉  आदिलक्ष्मी, धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, गजलक्ष्मी, संतानलक्ष्मी, वीरलक्ष्मी, विजयलक्ष्मी, विद्यालक्ष्मी।
आठ वसु👉 अप (अह:/अयज), ध्रुव, सोम, धर, अनिल, अनल, प्रत्युष, प्रभास।
आठ सिद्धि👉  अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, वशित्व।
आठ धातु👉  सोना, चांदी, ताम्बा, सीसा जस्ता, टिन, लोहा, पारा।

9👉 नवदुर्गा👉 शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कुष्मांडा, स्कन्दमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री।

नवग्रह👉 सुर्य, चन्द्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु।

नवरत्न👉 हीरा, पन्ना, मोती, माणिक, मूंगा, पुखराज, नीलम, गोमेद, लहसुनिया।

नवनिधि👉 पद्मनिधि, महापद्मनिधि, नीलनिधि, मुकुंदनिधि, नंदनिधि, मकरनिधि, कच्छपनिधि, शंखनिधि, खर्व/मिश्र निधि।

10👉 दस महाविद्या👉 काली, तारा, षोडशी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्तिका, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कमला।

दस दिशाएँ👉 पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, आग्नेय, नैॠत्य, वायव्य, ईशान, ऊपर, नीचे।

दस दिक्पाल👉  इन्द्र, अग्नि, यमराज, नैॠिति, वरुण, वायुदेव, कुबेर, ईशान, ब्रह्मा, अनंत।

दस अवतार (विष्णुजी)👉 मत्स्य, कच्छप, वाराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध, कल्कि।

दस सति👉 सावित्री, अनुसुइया, मंदोदरी, तुलसी, द्रौपदी, गांधारी, सीता, दमयन्ती, सुलक्षणा, अरुंधती।।

ॐ नमो नमः।।

उक्त जानकारी वेदों के आधार पर

हर हर महादेव
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