यह ,हमारे साथ ही क्यों??
हमने क्या अपराध किया
किसका दंड मिला
प्रारब्ध है या भाग्य
भाग्य तो बदला नहीं जा सकता
ईश्वर ने हमारे साथ ऐसा अन्याय क्यों किया
पर यह शायद भूल जाते
जो मिला वह भी न मिलता तब??
हर सुबह शांति से उठे
रात शांतिपूर्ण गुजरे
हमारे परिजन सुखी रहे
पड़ोसी अच्छे हो
प्राकृतिक आपदा से दूर रहे
देश मे शांति हो
आंतक का डर न हो
दुर्घटना से दूर रहें
हाथ -पैर सही सलामत रहे
स्वास्थ्य ठीक रहे
यह भी ईश्वर की नियामत है
एक छोटा सा कान का दर्द भी जीना दूभर कर देता है
समय पर गाड़ी या बस न मिले
यह सब कुछ मायने रखता है
हर वक्त ईश्वर की कृपा बरसती रहे
बडा न सही छोटी बात भी जिंदगी आसान बना सकती
मुश्किल बना सकती है
उसकी इच्छा के बिना पत्ता भी नहीं हिलता
पर भाग्य भी एक सा नहीं रहता
कर्म का फल तो भोगना ही होगा
मनुष्य जन्म लिया है तो गलती भी होगी ही
भगवान भी पृथ्वी पर जन्म लेकर इन पीड़ा से होकर गुजरे हैं
महाभारत का युद्ध
गांधारी का कृष्ण को शाप ,कुलनाश का
कंदब के पेड पर मृत्यु
बालिवध का परिणाम
महाभारत तो कराना ही पडा
अन्याय कैसे होने देते
बुआ के पुत्र थे पांडव
पक्ष भी लिया
पर कितनों के मृत्यु के कारण बने
राजनीति की चतुर चाले भी चली
महाभारत मे पांडवों के पूर्ण रूप से सारथी बने
जो करना था वह सब किया
और परिणाम भुगतना पड़ा शाप के रूप में
जब ईश्वर के समक्ष यह सब
तो हम तो सामान्य मानव
बस ईश्वर हमें शक्ति दे
हमारे साथ रहे
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
No comments:
Post a Comment