चरण स्पर्श यह भारतीय परम्परा
नायाब तोहफा है पूर्वजों का
चरण स्पर्श कर सामने वाले के सामने झुक जाना
इससे बड़ी बात और क्या होगी
जिसके चरण स्पर्श हुए
उसको तो आशिर्वाद देना ही है
मन मे कुछ भी हो
पर झुक तो रहा ही है
और अपने अहम दरकिनार कर रहा है
दूसरे का भी अहम कायम रख रहा है
उसके सामने नतमस्तक हो
एक चरण स्पर्श न जाने कितने मन के मैल खत्म
आदर और सम्मान
बडो के साथ बराबरी नहीं
उनका वरद हस्त सर पर जरूरी
मतभेद तो होते ही रहेंगे
पर आशिर्वाद भी मिलता ही रहेगा
स्वयं झुकना
सामने वाले को भी झुकने को मजबूर कर देना
आशिर्वाद तो हमारा हक है
यह तो हम लिए बिना मानेंगे नहीं
लाख नाराजगी हो
पर प्यार पर भारी नहीं
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