भारत का विकास का इतिहास
ऐसा लगता है
विकास बस इसी समय हो रहा है
1947 से कुछ भी नहीं हुआ
यह लिखने के लिए नया इतिहास रचना पड़ेगा
सांप और संपेरों का देश
बलि और सती
हर गांव के प्रत्येक व्यक्ति को वोट का अधिकार
जबकि सड़कें भी न हो
नदियों और खेती का देश
आदिवासियों और वनवासियों का देश
साधु और संतो का देश
नारियों का अधिकार
पूजा पाठ का अधिकार
मंदिर मे प्रवेश का अधिकार
वह देश मंगल ग्रह पर पह़ुंचा
परमाणु परीक्षण किया
बांग्लादेश का निर्माण कर दुनिया के नक्शे को बदला
कम्प्यूटर युग मे विश्व मे परचम
यह तो शायद पांच सालों में तो नहीं हुआ होगा
शून्य से शुरू करना पड़ा होगा
समझते समझाते
करते कराते सालों लगे होंगे
चमत्कार तो नहीं था
अलादीन का चिराग भी नहीं था
जो वर्तमान मे हैं
उसका बीज अतीत मे है
पल्लवित ,पुष्पित होने मे समय
यह फूल नहीं था
जो रातों रात फूले
यह देश था
वह भी विशाल देश
जिसका संसार अलग
विचार अलग
रहन सहन अलग
विभिन्नता मे एकता
विविध धर्मी
विविध भाषा
विविध प्रांत
ऊपर से गुलामी से ग्रस्त
आजादी मिली अथक प्रयासों
बलिदानों से
फिर विकास की राह पर चल
यहाँ तक पहुंचा
यह किसी एक का नहीं
सामूहिक भागीदारी थी
नेता आएंगे
पार्टियां आएंगी
पर इतिहास भाषण नहीं है
वह तो लिखेगा
किसने क्या किया
उसे तो झुठलाया नहीं जा सकता
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
No comments:
Post a Comment