यह संसार रंगों की पेंसिल बांक्स
यहाँ भाँति भाँति के रंग
सबका अपना महत्व
सबका अपना उद्देश्य
रंगों की तरह
वह सब एक दूसरे के साथ खडे रहते हैं
जरूरत पड़ने पर मिलते हैं
साथ मिलकर शोभायमान होते हैं
कभी कभी स्वयं को मिटाकर नया रंग निर्माण करते हैं
रंग की पेंसिल को घिसा जाता है
कुछ तो टूट भी जाते हैं
दरार पड़ जाती है
छोटे होते जाते हैं
पर अंतिम समय तक साथ निभाते हैं
कुछ बहुत ज्यादा इस्तेमाल
कुछ बहुत कम
पर सब साथ ही खडे हैं
हम भी कलर पेंसिल की तरह
यह संसार भी क्रेयॉन
यह वह बांक्स है जिसमें सब.समायोजित है
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