Saturday, 8 December 2018

रंगभरा संसार

यह संसार रंगों की पेंसिल बांक्स
यहाँ भाँति भाँति के रंग
सबका अपना महत्व
सबका अपना उद्देश्य
रंगों की तरह
वह सब एक दूसरे के साथ खडे रहते हैं
जरूरत पड़ने पर मिलते हैं
साथ मिलकर शोभायमान होते हैं
कभी कभी स्वयं को मिटाकर नया रंग निर्माण करते हैं
रंग की पेंसिल को घिसा जाता है
कुछ तो टूट भी जाते हैं
दरार पड़ जाती है
छोटे होते जाते हैं
पर अंतिम समय तक साथ निभाते हैं
कुछ बहुत ज्यादा इस्तेमाल
कुछ बहुत कम
पर सब साथ ही खडे हैं
हम भी कलर पेंसिल की तरह
यह संसार भी क्रेयॉन
यह वह बांक्स है जिसमें सब.समायोजित है

No comments:

Post a Comment