प्रियंका के आने पर सबके अलग -अलग बोल
क्यों इतना बखेडा
प्रियंका आज से राजनीति में नहीं है
वह पहले से ही है
रही बात सुंदरता और आकर्षक से
तो राजनीति मे बहुत लोग हैं
फिल्मों की नायिकाएं भी है
जिन्होंने अपना परचम फहराया है
सफल भी है
रही बात इंदिरा गांधी के छवि की
वह कुछ हद तक स्वाभाविक है
पर वह सफलता का फार्मूला नहीं
व्यक्ति का काम बोलता है
अगर उनमें काबिलियत होगी
तो लोग पसंद करेंगे
यह जनता का फैसला होगा
उनका पसंद या नापसंद होगा
राजनीति का अखाड़ा है
बाजी कौन मारेगा
यह चुनाव तय करेगा
अभी से इतना हो हल्ला
राजीव की बेटी
इंदिरा की पोती
खुल कर मैदान में उतरे तो
अटकलें लगाकर क्या होगा
मोदी ,मायावती ,ममता,अखिलेश जैसे
दिग्गजों का सामना करना है
अपनी पैठ बनानी है
राजनीति का द्वार सबके लिए खुला है
प्रियंका क्या परचम फहराती है
यह तो वक्त बताएगा
हो सकता है
भारतीय राजनीति को एक अच्छा नेता मिले
उनका स्वागत करना चाहिए
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