चुनाव का माहौल
रैलियों की भरमार
हर नेता की सभा मे भीड़
हर नेता के पीछे चलते लोग
आखिर इतने लोग कहाँ से आते हैं
नेता जी सड़क पर गाड़ी मे
भीड़ उनके साथ
पता चलता है
लोग वही है
नेताजी अलग हैं
पार्टी अलग है
पैसा मिला
खाना पीना मिला
बस मे भरकर ले गए
बस हमको और क्या चाहिए
तब चुनाव के दिन जो मीट मछली खिलाएंगे
शराब पिलाएंगे
वोट उनको जाएगा
वोटर को नेता इस तरह खरिदते हैं
राज करते हैं
वोटर शायद जानता भी नहीं
हमारा वोट इतने सस्ते मे खरिदा गया
और मलाई कोई और खाएगा
पांच साल तक मौज करेगा
फिर चुनाव आएगे
फिर हमारे हाथ जोड़े जाएंगे
हम इस तरह सालों साल बेवकूफ बनते रहेंगे
और यह बेवकूफ बनती है जनता
जीत कर नेता गाड़ी में घूमते हैं
जनता सड़क किनारे हार लेकर स्वागत में खड़ी रहती
यह है भीड़तंत्र का सच
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
No comments:
Post a Comment