कुछ अपनी कहो
कुछ हमारी सुनो
एक -दूसरे के सुख -दुःख. बांटो
जिंदगी का कोई ठिकाना नहीं यारों
कब साथ छोड़ जाय
कब धोखा दे जाय
उससे पहले ही साथ हो ले
हंस ले
गा ले
मुस्करा ले
मौज मजा कर ले
जी भर कर अपनो पर प्रेम लुटाए
हर पल का लुत्फ उठाए
जब तक है साथ यह
तब तक जीने का आंनद तो उठा ले
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