नैसर्गिक सुंदरता तो लाजवाब है
निसर्ग सुंदरी जब शबाब पर होती है
तब शमा भी रंगीन होती है
हर पत्ता डोलता है
हर डाली झूमती है
हर फूल मुस्कराता है
मिट्टी भी महकती है
मौसम अंगडाइया लेता है
कण कण लहराता है
बल खाता है
सब उसके सामने नतमस्तक
सब उसमें सराबोर
हर जीव
सॄष्टि के समक्ष खुशी बिखेरते
जीवन का महत्व समझाती
पतझड़ से वसंत का सफर
यह भी सुंदर है
वह भी सुंदर है
सारा जग सुंदर है
हर रूप सुंदर है
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