Tuesday, 11 June 2019

अंकों से जिंदगी न आंका जाय

हर विषय में पैंतीस नंबर
पैंतीस प्रतिशत लेकर दसवीं बोर्ड की परीक्षा में पास हुआ यह मुंबई का मुलगा
आजकल चर्चा में है
हीरो बना हुआ है
हौसले बुलंद है
सही है
जब अंकों के पीछे भागा जा रहा हो
तब यह नंबर??
कोई बात नहीं
छोरा पास तो हो गया है
रास्ते खुले हुए हैं
कुछ न कुछ तो करेगा ही
हर बच्चा जीनियस नहीं होता
जिंदगी भी अंकों से भारी है
अंक को अपने बच्चों के लिए हौवा नहीं बनाना है
ठीक है मेहनत करे
अपने सामर्थ्य भर
अंक से जिंदगी न आंका जाय
वह चाहे पालक हो
पडोसी हो
रिश्तेदार हो
उसके कोमल और नाजुक मन पर बोझ न डाले

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