बारिश झमझम
मन में भी हलचल
किसी की याद पल-पल
मौसम भी सुहाना
आया अपने साथ खुशबू बिखेरते
सूखे लहलहा रहे
कोंपले फूट रही
बीज डाले जा रहे
पनपने और पल्लवित होने के लिए
तब तो कुछ संबंध और रिश्ते
भी सूख और मुरझा गए हैं
क्यों न उसमें अपनेपन - प्यार का बीज डाले
ताकि वह फिर लहलहा उठे
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