बीस साल बीत गए
बहुत कुछ बदल गया
सरकार भी बदली
एक नई पीढ़ी भी तैयार
पर कारगिल के शहीद आज भी याद है
उनकी दुश्मन को मुंहतोड जवाब
पाकिस्तान को करारी हार
टेलीविजन के सामने बैठ समाचार देखते
अपने सैनिकों के शव आते
पर फिर भी झुके नहीं
ऑखे नम होती रही
माता रोती रही
सैनिक बर्फ के मैदान में डटा रहा
सामने गोली खाने
दुश्मन को जवाब देने
कुछ तो लौटे नहीं
ऑखे तकती रही
वे लडते रहे
आखिर विजय तो दिला दी
हमारे इन जवानों ने
इन्हीं पर तो देश को नाज है
बीस साल पहले भी हम दुश्मन पर बीस थे
आज भी हम बीस है
हमारे सैनिकों की बदौलत
नमन है कोटि कोटि
ईश्वर को तो नहीं देखा
पर इन देशरक्षक पर देश को सौंपा है
उन पर विश्वास है
ये कभी देश को झुकने नहीं देंगे
तभी तो ये मरकर भी मरते नहीं
अमर शहीद हो जाते हैं
विजय दिवस है
इनकी याद एक कर्तव्य है
इनकी बदौलत ही हम है
लहराता तिरंगा है
झूमता गाता देश है
देश का मान सम्मान है
कोई अब आक्रमण को सोचे
तब कारगिल को याद करें
वह हिम्मत ही नहीं कर पाएगा
हमारे हर सैनिक को नमन
दिल से आभार
तुम हो तभी तो हम है
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