बहू तू अभी बच्ची है
मन की बहुत कच्ची है
तेरा इरादा चाहे कुछ भी हो
मेरा इरादा नेक है
नहीं उसमे कोई स्वार्थ है
मैं माँ हूँ
हर रिश्ते से बडा यह रिश्ता
निस्वार्थ ,प्यार भरा
बेटा तो मेरी जान का टुकड़ा
वह है तेरा दीवाना
तू उस पर भले हुक्म चला
उसे मनगढंत बातें बता
मेरे खिलाफ भडका
वह तेरा तरफदार बन जाएगा
पर मुझसे न अलग रह पाएगा
अलग कर दिया
तब वह टूट जाएँगा
वह तेरे साथ तो रहेगा
पर पहले जैसा न रह पाएगा
खुश नहीं रह पाएगा
वह तेरे हित में नहीं रहेगा
आज तेरी खातिर मुझे छोड़ा
कल किसी और की खातिर तूझे छोड़ देगा
वह तेरे हित में नहीं होगा
मेरी तुमसे कोई स्पर्धा नहीं
हाँ फर्क है
मैं माँ हूँ
तुम पत्नी हो
माँ से अलग कभी हुआ ही नहीं जा सकता
वह गर्भनाल का बंधन है
काटने पर भी जुड़ा है
तुम्हारा बंधन फेरो का है
वह संभाल कर लगाना पडता है
अगर लडखडाए तो गिर पडेंगे
उसको संभाल कर रखना है
उसके साथ उसके परिजनों को भी
माँ तो जिगर से जुड़ी हुई है
उसे जोड़ कर रख
यह बंधन भी मजबूत रहेगा
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