आज कन्हैया तुम्हारी फिर दरकार है
जरूरत है कलयुग में कृष्णावतार की
यह संसार कुरुक्षेत्र का मैदान बन गया है
फिर कोई गीता का उपदेश देने वाला चाहिए
मामा कंस ने आपके भाईयों को मारा था
उसका फल तो उसे मिल गया
आज तो गर्भ में ही कन्या को मारा जा रहा है
उनको दंड कौन देगा
कंस से राज्य लेकर अपने नाना को आरूढ किया
सिंहासन वापस दिलाया
आज तो नाना और दादा बेघर किए जा रहे हैं
अपनी संतान द्वारा
उस समय द्रोपदी की लाज बचाने आए थे
आज हर दिन द्रोपदी की लाज लूटी जा रही है
दुश्शासन खुलेआम घूम रहे हैं
आज वह असहाय है
क्योंकि उनके पास कृष्ण नहीं है
आज राजनीति में धृतराष्ट्र हर जगह है
ऑखों पर मोह की लालच की पट्टी बांध रखी है
गांधारी तो देख कर भी अंजान है
सत्ता के लिए कोई कुछ भी कर गुजरने को तैयार
अन्याय और अत्याचार
धर्म के नाम पर भी लूट
जब जब धर्म की हानि होगी
तब तब धर्म स्थापना के लिए मैं आऊंगा
तब आ जाइए
यशोदानन्दन
सुदर्शन चक्रधारी
राधेश्याम
अब तो आपका ही सहारा है
फिर भगवतगीता का संदेश देना है
अर्जुन को समझाना है
यह धर्मयुद्ध है
हथियार डालने से काम नहीं चलेगा
फिर सृष्टि के रचयिता तो आप ही है भगवन
आ जाइए
कृष्ण की जरूरत है ।
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