ईश्वर से बडा कोई नहीं
आपका भूत ,वर्तमान और भविष्य
आपका डर
आपकी चिंता
आपका क्रोध
आपका दुख
आपकी निराशा
आपकी घृणा
आपकी दुविधा
आपकी अनिश्चितता
सब छोड़ उस पर निश्चिंत हो जाइए
समर्पण कर दीजिए स्वयं को
वह जो करेगा अच्छा ही करेगा
आशा और विश्वास रखिए
हमारा रखवाला हमें अधर में नहीं छोड़ेगा
हमारी भलाई किसमें है
उससे ज्यादा कौन जानेगा
आपका मन क्या चाहता है
इससे बेहतर है
ईश्वर क्या चाहता है
हम और आप तो खिलौना है
खेल तो वही खेल रहा है
खिला भी रहा है
तब ईमानदारी और निष्ठा से जीवन के खेल का आनंद ले
बस अपना कर्तव्य करें
बाकी तो सब वह करेंगा
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