Friday, 13 September 2019

मोदी जी की दरकार प्लास्टिक पर वार

प्लास्टिक को हटाना है
पर्यावरण बचाना है
एक मजबूत ईरादा करना है
कुछ भी हो जाए
प्लास्टिक को हाथ नहीं लगाना है
सब्जी - भाजी के लिए झोला ले जाना है
सामान के लिए कपडे का थैला इस्तेमाल करना है
अपनी सुविधा को छोड़ प्रकृति की सुरक्षा करनी है
यह जहर डस रहा है तेजी से
हम उसमें अकडे जा रहे हैं
मोह नहीं छूट रहा है
कुछ दशक पहले भी तो हम जीते थे
जब दूध कांच की बोतल में आता था
तेल - घी स्टील और पीतल के डब्बे में
ग्लास की जगह कुल्हड़
प्लेट की जगह पत्तल
काटोरी की जगह दोना
अब तो डोरी भी प्लास्टिक की
सुबह टूथब्रश और मग से शुरूआत
नाश्ता और खाने का डब्बा तक
रच बस गया है जीवन में
सस्ता और टिकाऊ
रंगबिरंगा और आकर्षक
नशा हो गया है जैसे
मुक्त हो ही नहीं पा रहे
विज्ञान की यह सौगात लील रही है धीरे-धीरे
मायाजाल में जकड़ लिया है
जीवन का अभिन्न अंग बन गया है
पर अगर अंग सडने लगे
तब उसका मोह करके क्या फायदा
कुछ तो निर्णय लेना होगा
लगता तो है बहुत प्यारा
पर विनाशक भी है
जिस जीवन को आरामदायक बना रहा है
उसी को खत्म भी कर रहा है
कर्क रोग का कारण
जानवरों की मौत
गटर का भरना
जल प्रवाह को रोकना
विषैले तत्वों का निर्माण
वातावरण में जहर
यह तो गलता और नष्ट नहीं होता
जीव जंतु भी नहीं खाते
अजर अमर शोध मानव की
इसके जाल में मकडी जैसा फंस गया
अपने चारों ओर प्लास्टिक का जाल बिछा दिया आ
अब छटपटा रहा है
मुक्त होने की कोशिश कर रहा है
यह महादानव प्लास्टिक निगल जाएगा
अगर उससे बंधा रहा
इस बंधन को तोडे
कष्ट जरूर होगा
असंभव तो बिलकुल नहीं
असंतोष नहीं रहेगा
मन में यह भाव लाना है
संसार को बचाने में अपना भी योगदान देना है
प्रधानमंत्री मोदी जी की अपील को स्वीकारना है
बापू के जन्मदिन से इस अभियान में शामिल होना है
     करो  या मरो
आज यह नारा प्लास्टिक से स्वतंत्र होने के लिए लगाना है
इसे अमलीजामा पहनाना है
प्लास्टिक  जीवन को छोड़ो
अब अलविदा कह देना है
प्लास्टिक मुक्त स्वयं को करना है
भारत का उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करना है।

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