Wednesday, 4 September 2019

सच्ची मोहब्बत

युग बदलता है
रीति रिवाज बदलते हैं
दशक और सदियाँ बीतती है
जिंदगी बीतती जाती है
मोहब्बत जिंदा रहती है
उनकी दास्तान अमर हो जाती है
सारा जमाना भले उनका दुश्मन हो
मोहब्बत के दीवानों पर कोई असर नहीं
उनकी कहानियों में वे अमर हो जाते हैं
हीर रांझा ,शीरीं फरहाद ,लैला मंजनू
ये वह पात्र हैं
जो प्रेमियों के लिए मिसाल है
इनमें समर्पण था ,स्वार्थ नहीं
प्रेम में त्याग होता है
जान देने का जज्बा होता है
एक - दूसरे के लिए मर मिटना
यही तो मोहब्बत है
समय के साथ सब पीछे छूट जाता है
सब भूला दिया जाता है
मोहब्बत की कहानी अमर हो जाती है
तभी तो कहते हैं
सच्ची मोहब्बत में खुदा का वास

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