Wednesday, 4 September 2019

शोर का अंदाज

शोर तो शोर है
वह घर में हो या सडकों पर
धरती पर हो या आकाश में
शादी बारात या कोई कार्यक्रम
मन में हो या बाहर
कभी चैन नहीं लेने देता
शोर का स्वभाव ही है शांतता भंग करना
पर शोर बिना काम भी नहीं बनता
शोर मचा तभी  सबने जाना
शोर बिना सब सूना
यह सुकून देता है
सुकून छीनता है
अपना महत्व जताता है
कभी कभी यही शोर किसी को जमीन पर ला पटकता
कभी-कभी किसी को तख्तोताज तो कभी तख्तापलट
शोर चोर को साहूकार ,साहूकार को चोर
ईमानदार को बेईमान ,बेईमान को ईमानदार
शोर मचाने वालों की दुनिया सुनती है
बच्चा भी जब तक रोता नहीं ,उसे दूध नहीं मिलता
शोर पर शोध होना चाहिए
आवाज दबाने और आवाज उठाने की जबरदस्त शक्ति
शोर मे आवाज दबती भी है
सुनाई भी देती है
इसके दो पहलू है
कोई भी दिशा मोडने की जबरदस्त क्षमता
तभी तो जहाँ देखो वहाँ शोर
इसका अपना अलग अंदाज

No comments:

Post a Comment