तुम कहते हो
मुझमे कोई बुराई नहीं
मैं कभी गलत काम करता ही नहीं
हंसना आया सुनकर
ऐसा इंसान तो मिलना मुश्किल
स्वयं को परिपूर्ण समझना
दूसरों की कमी को ढूंढ कर निकालना
कभी अंदर झांककर देखना नहीं
स्वयं से अंजान
अपनी नजरों से नहीं
दूसरों की नजरों से देखो
स्वयं को महान और दूसरों को कम लेखना
यह तो सबसे खतरनाक
इसका अंजाम क्या होगा
इसका अंदाजा भी लगाना मुश्किल
मुनासिब यही होगा
इस भ्रमजाल से बाहर निकलो
अपना आकलन करो
जो दिखते है
वह ऑखों का धोखा है
जो नहीं दिख रहा
उसे पहचानने की कोशिश करो
नहीं तो कहीं के न रहोगे
बस हाथ मलते रह जाओगे
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