सुबह हर रोज आती है
ताजा-तरीन होकर
उसे कभी उदास नहीं देखा
हमेशा खुशगवार
फूलों की मुस्कराहट के साथ
चिडियो की चहचहाट के साथ
सूरज की कोमल किरणों के साथ
सुनहरे रथ पर बैठी आती है
भोर में सबको जगाती है
कहती है सोनेवालो
अब जागो
आलस छोड़ो
काम पर लग जाओ
कल क्या हुआ
वह भूल जाओ
एक सपना समझ कर
उदासी को मायूसी को दूर भगाओ
खुशी और ताजगी को गले लगाओ
अंधेरा कितना भी घना हो
उसको तो जाना ही है
उम्मीद का दामन पकडे रहो
कोशिश जारी रखो
कोई न कोई सुबह तो
आपके हाथ में खुशियों को जरूर सौपेगी
बस तुम घबराना नहीं
हताश न होना
डटे रहना
मंजिल अवश्य मिलेगी
हाथ में आया अवसर जाने मत देना
यह तब जब तुम जागोगे
जो जागा सो पाया
जो सोया वह खोया
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