हम उस पीढी के लोग है
जिनको अपना जन्मदिन ठीक से पता नहीं
शहर वालों की बात तो ठीक है
गाँव वाले तो इससे अनभिज्ञ
पाठशाला में अंदाज से लिखवा दिया
कभी छोटा कर
कभी बडा कर
जन्म प्रमाणपत्र तो दूर की बात
पंडित के पास दर्ज
सब कुछ अंदाज से
तब जन्मदिन नहीं मनाया जाता था
आज तो जन्मदिन का प्रचलन है
होड लगी रहती है
किसका कैसे मना
किसका कब है यह भी याद रखना है
नहीं तो लोग रूठ जाएंगे
उस समय तो बस दो ही जन्मदिन ज्ञात थे
भगवान राम और भगवान कृष्ण
वह भी बहुत धूमधाम से
आज जो कुछ भी हो
हर व्यक्ति को तवज्जों दिया जाता है
कम से कम उसका जन्मदिन विश कर
उसे शुभकामना देकर
उसके महत्व का एहसास कराकर
कितना अच्छा और सुखद लगता है
जब कोई आपको जन्मदिन की शुभकामना देता है
तब आप भी इससे वंचित न रहे
अपनों से जुड़े रहिए
वर्ष में एक बार
उसे विशेष महसूस कराए
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