आज धरती पर चांद का दीदार होगा
सुहागिने सज धजकर तन और मन दोनों के साथ तैयार
सुहाग की सलामती के लिए दुआ
व्रत-उपवास ,निराहार ,निर्जला
तब भी चेहरे पर नूर
चांद भी हमारी धरती के इन खूबसूरत चेहरे को देख मुस्कराएगा
वह तो एक है
जमी पर तो अनगिनत
आज तो सुहागिनो का दिन
ऊपर से सजना संवरना
उनकी खूबसूरती और निखरती
चांद भी सोचने को बाध्य
मैं सुंदर या फिर ये
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