मन को भी पंख होते हैं
मन की उडान असीमित होती है
मन कहीं की भी सैर कर सकता है
उसके लिए कोई रोक टोक नहीं
वह स्वच्छंद है
जहाँ चाहे वहाँ विचरण
जो सपना देखना हो वह देखे
उसके लिए कोई बंधन नहीं
कोई बंदिश नहीं
तब सपने देखने में हर्ज ही क्या है
इसके लिए कोई हर्जाना तो नहीं
शायद वह पूरा भी हो जाए
उडान भरे जी भर कर
सपने देखे जी भर कर
साकार करने का प्रयत्न करे जी भर कर
कल शायद वह सपना ,सपना न रहे
हकीकत बन जाए
आप उडान भर ऊंचाई पर पहुंच जाए
सपने केवल सोते हुए ही नहीं
जागते हुए भी देखना है
पंखों को फैलाना है
ऊंचा ऊंचा जाना है
इतना कि नीचे से लोग देखे
और कहें
क्या उडान है
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