दिल्ली की आबो-हवा
तौबा तौबा
सबने मास्क पहन रखे हैं
खांस रहे हैं
ऑखे जल रही है
सांस लेने में दिक्कत
धुआं धुआं
कोहरा छाया
सर्दियों का दिन
सुनहरी सर्दी गायब
ठिठुरती ठंडी गायब
अब बस जहरीली हवा
ठंडी का आगमन शायद अभी हुआ नहीं
मफलर मैन का मफलर जो निकला नहीं
उनकी खांसी भी छु मंतर
अब सर जी
न खांस रहे
न मफलर लपेट रहे
बस आॅड इवन लागू कर रहे
सरकार को कोस रहे
मंद मंद मुस्कुरा रहे
मानो कह रहे हों
मुझसे पंगा मत लो
मैं आम आदमी हूँ
इन सब की तो आदत है
मैं तो हमेशा खांसता रहा
अब दिल्ली वाले खांस रहे
तो क्या हो गया
हम क्या करें
पराली पंजाब और हरियाणा जलाए
सजा भुगते हम
केंद्र सरकार क्या कर रही है
चुपचाप तमाशा देख रही है
क्यों नहीं कुछ उपाय निकालती
कानून बनाती
मैं तो आम आदमी हूँ
दिल्ली का मुख्यमंत्री हूँ
देश का प्रधानमंत्री नहीं
जो मैंने सबका ठेका ले रखा है
यह तो काम केंद्र का है
जवाबदारी ले
नहीं तो जनता उनको ठेंगा दिखा देंगी
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