Sunday, 17 November 2019

ऊपरवाला सबका हिसाब-किताब रखता है

एक कहानी कहीं सुनी थी
एक आदमी मछली पकड़  रहा होता है
उसके हाथ एक बडी मछली लगी ,वह खुश हो गया ,सोचा आज का भोजन तो मिल गया
उठा ही था कि एक दूसरा आदमी आया और वह मछली ले ली
अब यह मेरी है
वह बेचारा कुछ नहीं कर पाया
हट्टे-कट्टे आदमी से कैसे पंगा लेता
दूसरा आदमी मछली लेकर आगे बढा
मछली में अभी जान थी ,थोड़ी फडफडाई और उसके ऊंगली में काट ली
मछली छिटक कर दूर जा गिरी
वह दर्द से छटपटा उठा
डाॅ के पास गया ,डॉ ने कहा अंगूठा काटना पडेगा
ठीक है दूसरा कोई उपाय नहीं था
जहर फैल जाता
फिर भी वह अच्छा नहीं हुआ
वापस गया ,अबकी बार हथेली काटनी पडी
इसके बाद कोहनी तक
बाद में पूरा हाथ
डाॅ भी हैरान था
क्यों असर नहीं हो रहा
तुमसे कुछ गलत हुआ है क्या
उसने सारा वाकया सुना दिया
तब तो उस आदमी को ढूंढो
उससे माफी मांगो
बडे प्रयास के बाद वह मिला
तुमने ऐसा क्या कर दिया जो मेरी यह हालत हुई
उसने कहा
मैंने केवल अपना हाथ ऊपर उठा कर कहा
ऐ भगवान तू ही न्याय करना
उस व्यक्ति ने माफी मांगी
मेहनत तुम्हारी थी और जबरन तुमसे छीन लिया
आज वह बलशाली हाथ ही नहीं रहा
याद रहे दोस्तों
कर्म का फल तो अवश्य मिलता है
भगवान के घर देर है अंधेर नहीं
ऊपरवाला सबका हिसाब-किताब रखता है

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