Monday, 18 November 2019

मृत्यु का डर

जब जीना चाहते हैं
तभी मरने का डर सताता है
जहाँ यह इच्छा खतम
वही जीवन खत्म
तब कुछ हो या न हो
कोई फर्क नहीं पड़ता
जीने का डर
पता नहीं कल क्या होगा
वही तो हमें भीरू बनाता है
हमें कुछ हो गया
तो हमारा परिवार क्या करेंगा
कैसे रहेगा
हम अपने को सर्वेसर्वा मान बैठते हैं
हमें चिंता सताती है
जीने के लिए हम न जाने कितना समझौता करते हैं
लोगों से डरते हैं
जायज नाजायज मांग पूरी करते हैं
हर पल डर
जिस दिन मृत्यु का डर खत्म हो जाएगा
जीने का भी डर नहीं रहेगा

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