Monday, 18 November 2019

हमारे पास समय नहीं

मुफ्त का मिले तो अच्छा लगता है
यह हमारी इंसानी फितरत है
एक के ऊपर एक फ्री
सब्जी के साथ धनिया मिर्ची फ्री
इस सामान के साथ बीस प्रतिशत ज्यादा
हम खुश होते हैं
इतना खुश कि
करोड़ो की संपदा पा ली
जबकि वह कुछ ज्यादा नहीं होता है
दुकानदार को अपना सामान बेचना है
हम उस पर टूट पडते हैं
सेल और छूट तथा फ्री के नाम पर
पर ध्यान दिया जाए तो
प्रकृति भी हमें बहुत कुछ मुफ्त देती है
हाँ हम उसका जी भर कर आंनद नहीं लेते
उसे मौल्यवान नहीं समझते
सूरज अपनी रोशनी फ्री में देता है
बहुत सी बीमारियों का इलाज
विटामिन डी मुफ्त में
पर कौन सुबह सुबह उठे
धूप की किरण लेने के लिए
चांद अपनी चांदनी मुफ्त देता है
पर टेलीविजन का सीरियल छोड़ कौन जाए
पेड हवा मुफ्त में देता है
पर यह शाम का समय
चाय का समय
मोबाइल और लेपटाप पर बैठने का समय
तब अपना समय क्यों बर्बाद करें
ठंडी ठंडी ए सी की हवा
पंखे कूलर की हवा तो मिल ही रही है
प्रकृति का समय निश्चित है
वह अपने समय पर ही देने आती है
पर हमारे पास लेने का समय नहीं

No comments:

Post a Comment