Tuesday, 17 December 2019

छात्र क्यों खफा है

यह क्या हो रहा है
देश क्यों जल रहा है
कभी पुलिस पर प्रहार
उन पर ईटों पत्थर से वार
कभी विश्वविद्यालय में छात्रों को घुसकर मारना
लाइब्रेरी तक में घुसना
ऐसा तो पहले कभी नहीं हुआ
छात्र राजनीति करते रहे हैं
पर इसका मतलब यह तो नहीं
उनसे इस तरह से पेश आया जाय
प्रजातंत्र है
अपनी बात रखने का हर किसी को अधिकार
दबाया क्यों जाय
जहाँ दमन होगा
उसका परिणाम भी यही होगा
वे छात्र है
कोई गुंडे नहीं
पुलिस तो काफी अनुभवी होती है
वह जानती है
किससे किस तरह निपटना है
थोड़ी समझदारी दिखाई होती
क्या पुलिस भी दवाब में है
अगर है
तो किसके
यह भी बडा प्रश्न
खैर जो भी हुआ
वह होना नहीं चाहिए
विद्या के मंदिर में यह सब शोभा नहीं देता
छवि सबकी खराब होती है

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