सुबह हुई
सूरज निकला
सुनहरी किरणें पसरी
चिडिया चहचहाई
कली कली खिली
फूल मुस्कराए
सब जगह चहल-पहल
कहीं कौए की कांव कांव
कहीं रेलगाड़ी की घड घड
कहीं बस मोटर की पौं पौं
कहीं मंदिर की घंटी
कहीं मस्जिद की अजान
भगवान भी जागृत
अपने भक्तों की प्रार्थना सुनने के लिए
उनका भी नया श्रृंगार
नए वस्त्र और पुष्पों से
सब खुश
सब मग्न
तब हम भी तो जरा मुस्करा ले
जी भर कर जिंदगी का आनंद उठा ले
कल किसने देखा है यारों
आज की सुहावनी सुबह का लुत्फ उठा ले
उसकी सुनहरी किरणों से अपनी सोने जैसी जिंदगी चमका ले
हर पल मूल्यवान है
यह भी तो जान ले
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