Thursday, 5 December 2019

नारी प्रताड़ना

कितना विवश हुए होगे श्री राम
जब उनकी पत्नी को रावण हरण कर लिया होगा
वनवासी जीवन बिता रहे
रावण का सामना कैसे करेंगे
यह विकट प्रश्न तो होगा ही
फिर समुंदर पार लंका
सीता वहाँ किस तरह होगी
सुरक्षित तो होगी न
पत्नी के वियोग और प्रेम में दर दर भटकते
पर पत्नी को लाने का प्रयत्न जारी रखा
सफलता भी मिली
अयोध्या वापस आने पर प्राणप्रिय पत्नी पर फिर लांछन लगा
राज धर्म का पालन करना था
पर मन से सियापति ही रहे
आज राम जैसा पति मिलना सौभाग्य की बात होगी
पत्नी के प्रेम और सम्मान में कमी न आने दी
जो एक पति का धर्म था वह निबाहा
पत्नी को लंका में नहीं छोड़ा
समाज तो तब भी था
समाज अब भी है
वह तो किसी को नहीं छोड़ता
लांछन लगाने में सबसे आगे
यह एक रानी के साथ हुआ था
साधारण नारी की तो क्या स्थिति होगी
सीता भाग्यशाली थी
उनको पति रूप में राम मिले थे
पर सब तो नहीं होगी
नारी हर युग में प्रताडित होती है

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