फ्राक नहीं पहनो
स्कर्ट नहीं पहनो
जीन्स नहीं पहनो
टी शर्ट नहीं पहनो
तब क्या पहनो
कपडे बेचारे को दोष
या दोष विकृत सोच की
कपड़े से अंदाजा लगा लेना
किसी के स्वभाव का
चरित्र का
साडी और सूट पहने तब ठीक
यह भी एक मानसिकता समाज की
उठने-बैठने से लेकर दोस्त बनाने तक
इस सोच पर भी लगाम लगाने की जरूरत है
गांव और शहर के जीवन में अंतर
उनके पहनावे में अंतर
जाति और धर्म के बाद
तीसरा नंबर इनका ही है
जब तक पुरूषवादी मानसिकता नहीं बदलेंगी
औरतें भी इसमें कम नहीं
घर में रहनेवाली सती सावित्री
काम करने वाली चालू प्रवृति
तब तक यह असमानता रहेंगी
दृष्टिकोण नहीं बदलेंगा
तब तक अपराध भी हावी रहेंगे
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