आज जो वह बोलती है
हम समझ नहीं पाते
झल्ला जाते हैं
कितनी बार बोलो
न समझती है
न सुनती है
पर याद करो
यह वही औरत है
जो आपके बिना बोले सब समझ जाती थी
चेहरा पढ लेती थी
बच्चों को भूख लगी है
वे परेशान हैं
किसी ने कुछ कहा क्या??
उदास है
चिंतित हैं
किसी से झगड़ा हुआ
दोस्तों से कहासुनी हुई
ऐसी न जाने कितनी बातें
उसने बडा किया है
अपना सुख चैन समर्पित किया है
आपकी रग रग से वाकिफ है
तब आप अभी तक अंजान क्यों
आपने उसे समझने की कोशिश क्यों नहीं की
उसकी भावनाओ को पढने की कोशिश क्यों नहीं की
आप की तो वह बचपन से हमसफर रही है
तब आप अपने इस हमसफर का जो सफर बाकी है
उसे तो प्रेम से भरें
ममता का आदर करे
उसे समझने का प्रयास करें
झल्लाकर नहीं प्रेम की झलक दिखाकर
जैसे वह आपके साथ हर पल मजबूती से खडी रही
कभी अकेला महसूस नहीं होने दिया
वैसे ही आपको एहसास कराना है
यह एहसान नहीं कर्तव्य है
तब उसकी बारी थी
आज आपकी बारी है
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