हर ख्वाब पूरा नहीं होता
हर ख्वाहिश पूरी नहीं होती
हर सोच पूरी नहीं होती
यही तो फर्क है
हम जो ख्वाब देखते हैं
वह पूरा हो जाय
तब जद्दोजहद क्यों ??
जिंदगी को यह पता है
क्योंकि यही से कोशिश की शुरुआत
हर कुछ कर गुजरने को तैयार
जब तक कि
वह मिले नहीं
कभी-कभी भटकाव भी
अचानक नींद से जग जाते हैं
अरे यह क्या ??
हमने तो ऐसा सोचा ही नहीं था
खैर यह नहीं तो और सही
तब वह कर गुजरते हैं
जिसकी कल्पना भी नहीं की
अगर सफल
तब तो जिंदगी इतराती है
सब भूल जाती है
उसे याद भी नहीं रहता
कि हमने ऐसा सोचा था
ऐसा ख्वाब देखा था
यह ख्वाहिश की थी
इन सबको छोड़
कामयाबी पर जश्न और उत्सव मनाती है
यह जिंदगी
ख्वाब तो बहुतेरे देखे
हर वक्त देखे
वक्त ने कुछ और किया
वक्त का तो ठिकाना नहीं
कब करवट ले ले
तब फिर वक्त के साथ प्रयत्न
जरूरी है
क्रिया की है
प्रतिक्रिया भी अवश्य
वह किस रूप में
यह वक्त बताएंगा
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
No comments:
Post a Comment