माँ के हाथ का खाना
माँ के हाथ की थपकी
माँ के हाथ फिराते दुलार
माँ के सिर सहलाते हाथ
माँ के गोदी में छुपाते हाथ
माँ के हाथ की छडी
सब लगती है
बहुत प्यारी
वह निस्वार्थी है
वह भोली है
वह सब कुछ वार जाती
बच्चों की मुस्कान पर
वह देना जानती है
सुरक्षा करना जानती है
हर बुराई से बचाना चाहती है
वह चाहे कैसी भी हो
पर संतान का उससे बडा
हितकारी कोई नहीं
उसकी जगह और कोई ले ही नहीं सकता
माँ की जगह बस माँ ही ले सकती है
No comments:
Post a Comment