Monday, 6 January 2020

कहीं जाने की जरूरत नहीं

जितनी कही जाती है
उतनी बुरी नहीं है दुनिया
अच्छे भी हैं
सच्चे भी है
ईमानदार भी है
दयालु भी है
खूबसूरत भी हैं
मेहनती भी हैं
देशप्रेमी भी है
अज्ञाकारी भी है
कर्मठ भी है
प्रेमी भी है
भोले भाले भी हैं
समभावी भी है
बैरागी भी है
पुजारी भी है
भक्त भी है
मितव्ययी भी है
दिलदार भी है
सामाजिक भी है
शिक्षित भी है
शांत भी है
शालीन भी है
वीर भी है
भावनिक भी है
चतुर और चालाक भी है
कुशल और पारंगत भी है
राजनीतिज्ञ भी है
शासक भी है
देवता भी है
नीतिवान भी है
शक्तिमान भी है
बुद्धिजीवी और ज्ञानी भी है
मनीषी और कवि भी है
वैज्ञानिक और अर्थशास्त्री भी है
यही चाणक्य भी है
यही राम और कृष्ण भी है
यही कबीर और तुलसी भी है
सब तरह के लोगो से दुनिया भरी पडी है
कुछ मुठ्ठी भर लोगों के कारण नरक नहीं हो सकती
स्वर्ग यही हैं
कहीं जाने की जरूरत नहीं

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