यह पब्लिक है भाई
कब क्या करना है
कहाॅ करना है
कैसे करना है
अच्छी तरह जानती है
अगर कहीं दुर्घटना हो जाती है
तब तमाम लोग इकठ्ठे हो जाते हैं
जब पुलिस पूछ-ताछ करना शुरू करती है
सब खिसक लेते हैं
जलाना हो
पीटना हो
तब आ जाती है
जब सहायता के लिए कोई चिल्लाता है
तब नजरअंदाज करते हैं
जब कुछ अनहोनी हो जाती है
तब फिर उसके विरोध में खडे हो जाते हैं
धरना और प्रदर्शन शुरू हो जाता है
पुलिस का भी यही हाल
समय रहते चेतती नहीं
दौड़ाती है
शिकायत को टाल देती है
कभी मजाक बना डालती हैं
कोई किसी को आसानी से सहयोग नहीं करता
मददगार नहीं साबित होता
जब मामला तूल पकड़ता है
तब जागृत होते हैं
तब नौकरी पर बन आई होती है
फिर मीडिया का डर
ब्रेकिंग न्यूज़
नमक ,मिर्च और मसाला साथ में
ताकि चटखारे लेकर देख सके
आधी सच्चाई आधी मनगढ़ंत अफवाह
समय रहते ही ध्यान दिया जाए
तब बहुत सी अनहोनी से बच जाया जाएंगा
एक जिम्मेदार नागरिक
एक जिम्मेदार पुलिस
और जिम्मेदार मीडिया भी
अपनी जिम्मेदारी निभाए
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