हम तो शांत थे
बेखबर थे
अंजान थे
इतना बडा भूचाल
इतना बड़ा तूफान
जीवन को बदल देगा
सारी कल्पना हवा कर देगा
सारे सपने तहस-नहस कर देगा
ऐसा सोचा तो न था
कभी कुछ गंभीरता से नहीं लिया
जिंदगी अपने ढर्रे पर चलती रही
हम भी खुशी खुशी उसके साथ चलते रहे
न कोई अपेक्षा
न कोई ताम झाम
जो मिला उसी में संतुष्ट हो लिए
तेरे साथ चलते रहे
आगे बढते रहे
सब कुछ ठीक ही चल रहा था
अचानक ऐसा धक्का दिया
न हम संभल पाए
न उबर पाए
बस मायूस हो सोचते रह गए
मजबूर हो ताकते रह गए
तब महसूस हुआ
हमारे हाथ में कुछ नहीं
सब किस्मत का लेख
प्रयास लाख सही
होगा तो वही
जो रेखा कहेंगी
लकीरें कहेंगी
जो खिंची जा चुकी है
तब हमारे सोचने से क्या
यह बात दिगर है
हम सोचते थे
हमारी मुट्ठी में हमारी तकदीर
पर शायद नहीं
ऐसा होगा
यह दिन भी देखना पडेगा
ऐसा सोचा तो न था
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
No comments:
Post a Comment