क्या भगवन आप भी मौन है
ताले में है
आपके दर्शन को सब प्यासे हैं
कुछ तो करो चमत्कार
सबकी परेशानी हो जाय दूर
यह करोना हो जाय छूमंतर
सब फिर घर से निकले बाहर
पहले जैसी ही हो चहल-पहल
मंदिरो की घंटिया
मस्जिदों की अजान से सब हो गुलजार
आरती और भजन की गूंज हो
कपाट खुलने का सबको इंतजार हो
दर के बाहर भीड़ हो
दर्शन की कतार हो
प्रसाद की छीना-झपटी हो
दीप शांत दिख रहे
फूलों की मुस्कान गायब है
वो चरणों में चढने को प्रतीक्षारत
अब तो दया करो
सब है लाचार
तुम ही कर सकते हो चमत्कार
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