कितना संघर्ष
कब तक संघर्ष
जब तक जीवन
तब तक
जब तक सांस
तब तक
थक मत
चलता रह
बैठ मत
खडा रह
लडखडा मत
सीधा रह
हर जतन
हर प्रयत्न
कब तक
जब तक जीवन
तब तक
हर दिन की एक नई कहानी
उसको अपने हाथों से लिखना है
भाग्य भरोसे नहीं बैठ रहना है
संघर्षों बिना जीवन का मजा अधूरा
हर संघर्ष है जुदा जुदा
सबसे है लडना
लडकर जीतना
यही संघर्ष की गाथा
जो गाती सदियों तक
करती कर्मों का गुणगान
यह मत सोच
कितना संघर्ष
कब तक संघर्ष
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