एक जगह किसी का लिखा पढा
दादर सबका फादर
हंसी आई
पर लगा सच है
दादर मुंबई की जान
दक्षिण मुंबई का सबसे भीड़ भरा इलाका
बस और गाडियाँ भी यहाँ धीरे-धीरे खिसकती है
बाजार पटे पडे होते हैं
पटरी से लेकर दुकानों तक
क्या यहाँ नहीं मिलता
फूल मार्केट से लेकर फर्नीचर
स्वस्त और मस्त
मध्यमवर्गीय लोगों की पसंद
हर तरह का सामान
सस्ता से लेकर मंहगा तक
अरे दादर चले जाओ
वहाँ मिल जाएंगा
डाॅक्टर से लेकर सोनार तक
हर चीज उपलब्ध
बाजार तो बहुत से है
पर दादर की बात निराली
यहाँ खाली पन का एहसास ही नहीं
अपना ही बाजार है
इस गली से उस गली घूमते रहो
पकवानों की गंध भी ले लो
खाने का मन करें तो खा लो
लस्सी से लेकर स्वादिष्ट व्यंजन तक
परम्परागत महाराष्ट्रिय
महाराष्ट्र को और उसकी संस्कृति को जानना है
तब दादर को जान लो
पूरा महाराष्ट्र समाया है
तभी तो है
यह सबका फादर
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