अपनो में अपनों ढूंढना
चौकिए मत
बात पते की है
कहने को तो अपने हैं
यह सच है क्या ?
या कोई भ्रम पाले बैठे हैं
अपना कहने से कोई अपना नहीं हो जाता
जो अपना होता है वह कभी पराया नहीं होता
हर हाल में खडा रहता
छोटी-छोटी बातों पर तोड़ देता जो संबंध
वह अपना नहीं
जिसके सामने निस्संकोच कहना - सुनना
अटूट विश्वास
बिना बोले सब समझ जाना
स्वार्थ रहित जो हो
ऐसा बिरला होता है अपना
अपनापन जताता नहीं
साथ निभाता है
एक आवाज पर आ जाता है
समय नहीं देखता
औपचारिकता नहीं निभाता
अपनों के दुख से दुखी
अपनों के सुख में खुशी
ईष्यालु नहीं
उन्नति में बाधक नहीं
उन्नति की सीढियां चढता देख
जिसका सीना गर्वित हो उठे
शान से कहें
अरे ये फलां तो हमारा अपना है
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