जहर जहर ही होता है
वह कोई भी हो
शराब का हो
धतूरे का हो
सांप का हो
रासायनिक हो
हर जहर जानलेवा ही होता है
कभी एक ही बार
कभी धीरे-धीरे मारता है
ये सब तो जहरीले की श्रेणी में आते ही है
सबसे जहरीला होता है
वाणी का जहर
एक बार जो वार होता है
तो सालोसाल नस्तर बन चुभता रहता है
इसका कोई तोड़ नहीं
एक बार उगल दिया तो फिर वापस नहीं
जिसको दिया वह जतन किए रहता है
देनेवाला भले भूल जाए
लेनेवाला कभी नहीं भूलता
जबकि समय समय पर और दंश देता है
वाणी का जहर उगलते समय ध्यान रहें
यह बहुत घातक होता है
इसने बडे बडे युद्ध करा दिए हैं
अगर वाणी मिली है तब उसका सही उपयोग हो
अन्यथा न बोलना ही बेहतर
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