रिश्ते अनमोल होते हैं
इन्हें पैसों से मत तौले
बहुत वक्त लगता है
किसी को अपना बनाने में
विश्वास जमाने में
तोड़ने में नहीं
एक ही गलतफहमी से तडाक से टूट जाता है
बचाकर और संभालकर रखना है
पैसा तो आता और जाता है
रिश्तों में यह बात नहीं
वापस भी आया तो मन में गांठ लेकर
वह पहले जैसी बात नहीं
यह प्यार और अपनेपन से बनाया जाता है
यह वह दौलत है
जिसे बडी समझदारी से कमाना पडता है
संभालना पडता है
यह तिजोरी में बंद नहीं
दिलों में विचरण करती है
इसके लिए किसी पहरेदार की जरूरत नहीं
हम ही मालिक और हम ही पहरेदार
हल्के में न लें
यह दिखता भले न हो
पर हर छोटी सी बात पर इसकी नजर
कौन सी बात कब कौन सा रूप ले ले
अनुशासन
व्यवहार में
कर्म में
वाणी में
संभल कर रहना है
रिश्तों की अहमियत समझना है
यह बहुत अनमोल होते हैं
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