आज तक हल और ट्रेक्टर
अब करेंगे परेड
गणतंत्र दिवस पर
हमारे किसान
पहली बार राजपथ पर
अब तक तो खेत खलिहान में
तब भी हल के साथ पैर उठते थे
कदम ताल करते थे
वहाँ मिट्टी थी
यहाँ पक्की सडक
यह तो उसके आदी हैं
किसान कुछ मांग रहा है
जो हमेशा दिया है
आज मजबूर हो सडक पर उतरा है
धरने प्रदर्शन कर रहा है
काम - धाम छोड़ कर बैठा है
ऐसी क्या बात है
अन्नदाता नाराज है
उनको मनाना सरकार की जिम्मेदारी है
उनका अन्न ही तो है
जिससे हमारा पेट भरता है
स्टील और कांक्रीट के जंगल में अन्न नहीं उगेगा
वह तो मिट्टी में ही उगेगा
और वह भी तब
जब खाद - पानी पडेगा
समय समय पर इनकी भी सुध ले
परेशानी जानकर उनका हर निकालें
देश के कर्णधार हैं ये
ये हैं हमारे किसान
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