तपना तो पडता है
स्वर्ण हो या लौह
मिट्टी हो या पीतल
जो तपा नहीं वह गढा नहीं
सुन्दर आकृति
सुन्दर कलाकृति
बिना तपे
बिना ठुके - ठकठकाए
बिना पीटे हासिल नहीं होती
आग में तो उतरना पडेगा
हालात और वक्त से दो - चार होना पडेगा
स्वयं को निखारना पडेगा
हर चीज का तोड़ निकालना पडेगा
आग में तो उतरना ही पड़ेगा
तब जाकर जीवन में कुछ बन पाएंगा
पत्थर की मूर्ति तराश कर भगवान बनती है
इंसान को भी तराशना है
यह और कोई नहीं
स्वयं ही करना है
तभी तो सम्मानीय कहलाओगे
लोगों के बीच अपना स्थान बनाओगे
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