Saturday, 16 January 2021

रिश्तों में भी गति हो

बिना कहे - सुने ही न जाने कितने रिश्ते ढह गए
तेरी भी चुप मेरी भी चुप
इस खेल में न जाने कितने रिश्ते खत्म हो गए
चुपचाप अपनी-अपनी राह हो लिए
बरसों से जिनको सींचा था
मन में सजोया था
वह बिना कहे चुपचाप चल दिए
यह चुप्पी बडी घातक है
बातचीत का सिलसिला चलता रहता है
तब रिश्ता भी निभता रहता है
कुछ अपनी कहो
कुछ दूसरों की भी सुनो
वार्तालाप को जारी रखो
यह संवाद ही तो है
जो हमें पास - पास लाता है
गिले - शिकवे दूर कर समस्या सुलझाता है
बंद दरवाजे - खिड़की से हवा अंदर नहीं आ - जा सकती
मन के भी तो दरवाजे - खिड़की खोलना जरुरी है
सुनना जरुरी है
कहना जरूरी है
समझना जरूरी है
न कहने से भला कह दे
अपनी बात रख दे
चुप्पी वह बारूद का ढेर है
जब फूटती है तब सब तहस - नहस
रिश्तों में भी गति हो

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