किसी का होना जिंदगी में
न होने से बेहतर है
उद्देश्य मिल जाता है
उसके लिए कुछ करने का
उसके लिए सोचने का
जीवन गतिशील रहता है
गतिविधियों में व्याप्त रहता है
बेकाम और बेकार नहीं लगता
झंझट अवश्य होती है
लेकिन उस अकेलेपन के भार से अच्छी है
यह भार उस भार से भारी नहीं
अपने लिए न सही
औरों के लिए ही सही
कुछ करें
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